आज मेरी हार का जश्न, मेरे अपने ही मना रहे थे ! आज मेरी हार का जश्न, मेरे अपने ही मना रहे थे !
जब से तुम संग खेली होली। जब से तुम संग खेली होली।
जो मतलब होने पर ही याद आते हैं बिना मतलब के न जाने कहाँ गुम हो जाते हैं। पता ही नहीं चलता। जो मतलब होने पर ही याद आते हैं बिना मतलब के न जाने कहाँ गुम हो जाते हैं। ...
और मैं भी आज कॉलेज ही जा रही हूँ। और मैं भी आज कॉलेज ही जा रही हूँ।
प्रसंग: न्यायालय में खड़ी न्याय की आस लगाए लड़की से जिसका बलात्कार हुआ है वकील उसके चरित्र पर प्रश्न... प्रसंग: न्यायालय में खड़ी न्याय की आस लगाए लड़की से जिसका बलात्कार हुआ है वकील उ...
चाहे कितनी भी तकलीफें आये मुझसे तू जुदा कभी न होना। चाहे कितनी भी तकलीफें आये मुझसे तू जुदा कभी न होना।